Sunday, June 23, 2013

Mohyal -Milan -28-29th April - 2012 -( यादों के झरोखे से )



'' 28-29th April - 2012 Mohyal -Milan'' को  (FACEBOOK)  फेसबुक से (GOOGLE) गूगल पर उतरना अत्यंत आवश्क था ! जीवन  की आपाधापी मैं यह यादें कहीं खो ना जाएँ  इस लिये इस पोस्ट के माध्यम से चित्र और आलेख SHARE करता  हूँ ...जय मोहयाल !!
2011 के अंतिम महीनों मैं ही एक खास तरह की ब्यार चलने लगी थी .......
मोहयाल युवाओं को अपमानित किया गया क्यूंकि किसी भी स्थिती मैं वह अपने बजुर्गों द्वारा बनायी संस्था के खिलाफ कोई टिपण्णीयां बर्दाश्त नहीं करते थे ..  बदले मैं सभी ने सहनशीलता का परिचय देते हुये शान्ति -हेतु  प्रार्थना -और यज्ञ  करने का प्रण लिया !!

'' 28 April - 2012''HARIDWAR (MOHYAL ASHRAM)
1) हम सभी मोहयाल आश्रम पहुंच चुके हैं ...दोस्तों का आना जारी है ....मोहयाल एकता ज़िंदा बाद || जय मोहयाल ||


2).Mohyal Prarthna with Mohyal Friends ||
कार्यक्रम के अनुसार सब से पहले सभी उपस्थित साथियों ने मिल कर मोहयाल प्रार्थना पड़ी और बाद में प्रार्थना का अर्थ समझने के लिये सभी को आदरनिये डा. अशोक लव जी  द्वारा लिखे गये लेख को पड़ा मोहयाल-मित्र (मई अंक 2012 ) मैं भी पड सकते हैं |


 Video-Mohyal Prarthana ( मोहयाल प्रार्थना )
 

कुछ और चित्र दोपहर के समय के





3).खाने का समय ''Dining Hall -Mohyal Ashram Haridwar''खाना खाने का समय हो चुका था और सभी मोहयाल  अलग -अलग स्थानों से मोहयाल आश्रम मैं इकट्ठा हो रहे थे यद्यपि हम गिनती मैं कम थे परन्तु एक -एक , सौ -सौ के समान दिख रहा था वातावरण बेहद भावुक और खुशनुमा था !!


MOHYAL MITTER SABHA

4). MOHYAL MITTER SABHA BANNER

शाम का समय गँगा जी की तरफ जाने का था सभी आश्रम से बहार आये और मोहयाल मित्र सभा फेसबुक  के बैनर के साथ


HAR KI POUDI - HARIDWAR


 29th April 2012 Mohyal Ashram Temple (Meditation Hall
सुबह : 8.30
Hawan-Pujan at
Mohyal Ashram Temple हवन सामग्री सहित हवन -कुण्ड सज चुका है , भाई डिम्पल वैद ने पूरी विधि अनुसार मंत्रोंचार्ण से पुरे परिसर को  सुगन्धित कर दिया है आश्रम मैं उपस्थित अन्य मोहयाल जन भी मंदिर मैं आने लगे हैं


Some more  pictures Of Yagy -Hawan @ Mohyal Ashram -Haridwar
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सभी  लौग प्रसन्न थे दो दिन तक पुरे विधिवत तरीके से कार्यक्रम चला पहले दिन मोहयाल प्रार्थना ,उसके उपरान्त भोजन संध्या को हरकी पौड़ी -हरिद्वार मैं स्नान अगले दिन सुबह हवन -पूजन और दोपहर आते -आते सभी विदा होने को तैयार .....अलविदा फिर मिलेंगे कहकर सभी अपने -अपने घरों की तरफ चल दिये

सधन्यवाद .....जय मोहयाल जय माता दी जी